राम नारायण ट्रैन मे बैठे थे वह अपने बेटे के पास दिल्ली रहने जारहे थे। अगले स्टेशन पर गाडी़ कुछ समय के लिए रुकी उसी समय उनकी सीट के पास एक लड़की आकर बैठ गयी।
राम नारायण ने दुनियाँ देखी थी वह आदमी का चेहरा देखकर पहचान जाते थे कि यह परेशान है। जब उनकी नजर सामने बैठी लड़की पर गयी तब उनको कुछ अजीब सा महसूस हुआ। वह सोचने लगे कि इसके साथ कोई घर का बुजुर्ग नहीं है और न कोई अधिक सामान है।
वह लड़की बार बार अपने फौन को निकाल कर देखलेती थी जैसे जैसे समय ब्यतीत होर हा था उस लड़की की चिन्ता बढ़ रही थी। कुछ समय बाद गाडी़ चलने लगी।
वह लड़की दरवाजे के पास खडी़ होकर बाहर इधर उधर देखने लगी। जब गाडी़ ने स्पीड पकड़ली तब वह आकर सीट पर बैठ गयी।
कुछ समय बाद उस लड़की के फौन की घन्टी बजी। उधर से आवाज आई ," साँरी सीमा मै तुम्है दिल्ली ही मिलूँगा अब तुम यह सिम निकालकर फैक दो और नयी सिम डाल लो। कुछ ही देर में यह एक्टिव हो जायेगी। फिर हम सभीसे दूर होजायेगे।"
लड़की ने निराश होते हुए पूछा," तुम यहाँ क्यौ नही आये ? पता है जब तक तुम्हारा फौन नही आया था मेरा क्या हाल था।?"
लड़के ने जबाब दिया," जब मै आरहा था कोई पहचान का मिल गया था इस लिए मै नहीं आसका अब मै टैक्सी से आर रहा हूँ।"
राम नारायण उनकी बातैं बहुत ध्यान से सुन रहे थे ऊनकी समझ में आगया था कि यह लड़की अपने माता पिता को धोका देकर भाग कर आई है।
राम नारायण ने लड़की से पूछा," बेटी कहाँ जारही हो ? अकेली ही आई हो साथ में कोई नहीं आया ? "
इतने सारे प्रश्न एक साथ सुनकर वह सकपका गयी और हिचकती हुई बोली," द द दिल्ली जारही हूँ अंकल।"
"दिल्ली में कौन रहता है? किसके पास जारही हो? " राम नारायण ने पूछा।
वह कुछ भी नहीं बतासकी और इसके बाद उसने जो बताया वह सुनकर राम नारायण के पैरौ के नीचे की जमीन खिसक गयी। उस लड़की का नाम सीमा था उसका फेसबुक पर एक हरीश नाम के लड़के से प्यार होगया और दोनौ शादी करना चा ते थे परन्तु लडँकी के घर वाले शादी नही करना चाहते थे।
फिर लड़के के दबाब मे सीमा अपने घर वालौ को धोका देकर घर से भाग कर जारही थी।
राम नारायण ने उस लड़के का नम्बर लिया और उस लड़की को समझाकर उसके बापू का नम्बर लिया और उनको दिल्ली बुलाया। दूसरी ओर पुलिस को इन्फार्म किया और दिल्ली स्टेशन पर अटेन्शन रहने को बोला।
जैसे ही सीमा गाडी़ से उतरी वह लड़का सीमा के साथ हो लिया। उसी समय रामनरायण ने पुलिस को फौन करके लड़के को पकड़वा दिया ।
सीमा के माता पिता भी दिल्ली पहुँच गये। जब उस लड़के से पूछ ताछ हुई वह इसी तरह लड़कियौ को फसाकर दिल्ली लाता था और उनको जी बी रोड पर बेच देता था। इसमें उसके दो तीन दोस्त भी सामिल थे पुलिस ने उन सभी को भी पकड़ लिया।
राम नारायण की मुस्तैदी से सीमा बच गयी और पूरे गिरोह का पर्दाफास होगया।
नान स्टाप राइटिंग चेलैन्ज के लिए रचना
नरेश शर्मा " पचौरी"
Khushbu
05-Oct-2022 03:34 PM
Nice
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आँचल सोनी 'हिया'
26-Sep-2022 07:15 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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Gunjan Kamal
25-Sep-2022 03:30 PM
शानदार भाग
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